कर्नाटक चुनाव की अगर मैं बात करूं तो मुझे साफ प्रतीत होता है कि कर्नाटक में 12 मई को होने वाले चुनाव में कांग्रेस की डगमगाती नैय्या का डूबना लगभग तय है, मैं जिस केंद्र बिंदु से कर्नाटक के हालात को समझ रहा हूं, मुझे लगता है कि कर्नाटक की जनता कांग्रेस को सबक जरूर सिखाएगी, क्योंकि कांग्रेस पार्टी के भ्रष्टाचार से अब कर्नाटक की जनता भी तंग आ चुकी है, कर्नाटक के सीएम सिद्दारमैया के पास जनता को बताने लायक कुछ भी नहीं है, फिर पता नहीं क्यों कांग्रेस अपनी झूठी उपलब्धिओं का बखान करके अपना ही मखौल बना रही है । जबकि स्थिति कांग्रेस के बिल्कुल विपरीत है, भ्रष्टाचारी कांग्रेस पार्टी और उनके भ्रष्ट सीएम सिद्दारमैया आखिर किस आधार पर जनता के पास जाकर वोट मांगेंगे । जबकि कर्नाटक की जनता हर मोर्चे पर सिद्दारमैया सरकार से नाखुश है । लगता है कर्नाटक में बीजेपी के प्रति लोगों के रुझान से कांग्रेस पार्टी डर सी गई है । तभी तो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनके सिद्दारमैया अनाप-शनाप बोल रहे हैं ।
और वहीं कांग्रेस के विपरीत जब भी मैं देखता हूं, तो मुझे कर्नाटक में हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के रूप में एक ऊर्जावान, प्रतिभाशाली, दूरदर्शी और देश की एकता को साथ लेकर चलने वाला नेतृत्व दिखता है, ना कि एक वर्ग विशेष तक सीमित कांग्रेस और उनके सीएम सिद्दारमैया ।
हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने कर्नाटक में कई जनसभाएं की, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 21वीं सदी के हिसाब से कर्नाटक में इंफ्रास्ट्रैक्चर के विकास का लक्ष्य क्या है जनता तो बताया । जहां तक अगर बात करें तो केंद्र सरकार की ‘ईज ऑफ लिविंग’ की नीति की वजह से कर्नाटक को बहुत फायदा हुआ है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने ‘सबका साथ, सबका विकास’ के सिद्धांत पर काम किया, कर्नाटक में ‘जन धन योजना’ के तहत गरीब लोगों के खाते खोले गए, वहीं राज्य में ‘उज्जवला योजना’ के तहत साढ़े आठ लाख मुफ्त गैस कनेक्शन दिए गए । बिना किसी भेदभाव के केंद्र सरकार कर्नाटक में सेवा करने को तत्पर है ।
कर्नाटक में कांग्रेस के शासनकाल में किसानों की स्थिति किसी से छिपी नहीं है, कर्नाटक में 3 हजार से ज्यादा किसानों ने खुदकुशी की और दूसरी तरफ सीएम सिद्दारमैया करोड़ों रुपए की चाय और बिस्किट का मज़ा लूटते हैं, इसे कांग्रेस पार्टी का अस्त होना ही कहेंगे, सिद्दारमैया सरकार के शासनकाल में कर्नाटक की जनता पिछले 4 साल से सूखे के संकट का सामना कर रही है, ऐसे में कांग्रेस पार्टी को अब भी कर्नाटक में जीत की उम्मीद करना लोगों को ठगने जैसा प्रतीत होता है। कर्नाटक की जनता को बेवकूफ बनाने की वजाय कांग्रेस को चिंतन और मंथन पहले से करके रखना चाहिए, कि हार के बाद कैसे कांग्रेस पार्टी खड़ी होगी । वह दिन अब दूर नहीं जब बीजेपी कर्नाटक में अपनी सरकार बनाएगी । कर्नाटक में बीजेपी ने किसानों की स्थिति पर जो रूपरेखा तैयार की है, मैं उसका स्वागत करता हूं, ‘मुश्ति धान्य संग्रह अभियान’ योजना जिसमें मुट्ठीभर अनाज के बदले किसानों के कल्याण के लिए नीति निर्णय करने का वादा किया गया, वाकई एक योग्य कदम है । सिद्दारमैया सरकार आने के बाद राज्य में विकास होने की जगह मुझको लगता है विकास की गति रुकी है । वहां तो 24 घंटे बिजली तक नहीं आती, मैं अगर साक्षरता की बात करू तो मन में कर्नाटक की साक्षरता की बात आती है, पिछले 5 सालों में सिद्दारमैया सरकार के शासनकाल में कर्नाटक की साक्षरता दर में कोई बदलाव नहीं हुआ । महिला और पुरुष दोनों का स्तर सिद्दारमैया सरकार में समान ही रहा । राज्य के गांव तो अभी भी पिछड़े ही हैं । केंद्र सरकार की योजनाएं कर्नाटक में आते ही धराशाई हो जाती है, क्योंकि सीएम सिद्दारमैया केंद्र की योजनाओं को राज्य के विकास में इस्तेमाल ही नहीं करते ।
मुझे यह सुनकर बहुत ही दुख होता है कि कांग्रेस पार्टी का हिंदुओं के प्रति रुख बहुत ही सख्त है, कांग्रेस के सिद्दारमैया तो आरएसएस, बीजेपी कार्यकर्ताओं को कभी हिंदू उग्रवादी कहते हैं, तो कभी बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को हिंदू धर्म से ही अलग बताते हैं, लिंगायत नेता येदियुरप्पा को तो सीएम ही नहीं बनने देना चाहती कांग्रेस पार्टी, सिद्दारमैया सरकार लगता है एंटी हिंदू है, ऐसी छोटी मानसिकता रखने वाला व्यक्ति किसी राज्य का सीएम हो बहुत चुनौतीपूर्ण है ।
एक तरफ कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी और सीएम सिद्दारमैया हैं जो सिर्फ स्टार प्रचारक बनकर रह गए हैं, राहुल गांधी रैलियों में कर्नाटक के विकास की बात ना करके देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चेतावनी देते रहते हैं, जबकि कर्नाटक की जनता ने कांग्रेस को चुनकर सत्ता दी है, कांग्रेस की कर्नाटक में सरकार होने के बाद भी जमीनी स्तर पर कोई कार्य होता नहीं दिखा, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने नमो एप्प के जरिए कर्नाटक बीजेपी के उम्मीदवारों, नेताओं और कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देकर उनमें नई ऊर्जा भरी । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने विकास, विकास और सिर्फ विकास को एजेंडा बनाया है, स्थिति साफ है 12 मई को होने वाले चुनाव में जनता सिद्दारमैया को हराकर देश की एकता और अखंडता को वोट करेगी और बीजेपी कर्नाटक में एक बार फिर कमल खिलाएगी । क्योंकि बीजेपी कभी भी वंशवाद, परिवार, जातिवाद की राजनीति नहीं करती है ।
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